मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015

दिल्ली के चुनावी नतीजे और नरेंद्र मोदी

मोदी जी को ब्रेक तो महाराष्ट्र में ही लगा, झारखंड में भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला, दिल्ली ने तो भट्ठा ही बैठा दिया, उनका पूरा तिलिश्म और करिश्मा जो उनके पास नहीं था घास चरने गया, दिल्लीवाले औरों से ज्यादा नजदीक से मोदी जी को देख, समझ और तौल रहे थे. अब झारखण्ड की खरीद फरोश और बिहार में तिकड़म उन्हें ले ही डूबेगा। अब उनके लोगो को यह ज्ञान हो जाना चाहिए कि गतिमात्रा (momentum) कोई चीज़ होती है जो कुछ दूर तक गतिशील रखती है पर सदा के लिए नहीं उसके लिए कुछ जोर लगाना पड़ता है    उनके लोगों को यह समझ तो होनी चाहिए की उनकी हालिया सफलता की नीव कॉंग्रेसिओं की बेवकूफी और भ्रष्टाचार के कारण हुई थी उनमे  करिश्मा था ही नहीं। 8 दिसंबर 2014 के Indian Express http://goo.gl/MZ4rnZ में छपे अरुण शौरी के इस बयान के बाद Modi certainly thinks on a different scale, and laterally. I remember his phrase: ‘Arrey, yeh theek nahi hai, kuch dhamakedaar idea do (This is not okay, give a bombastic idea).’ और गिरती ढलान पर गतिमान हुए मोदी जी की  तरफदारी करनेवाले यह तो  बताएं की पिछले 8 महीनो में दादागिरी दिखाने के अलावा मोदी-अमित शाह जोड़ी ने किया क्या। प्रमाण के तौर पर नक़ली शेर की हवा भी निकल ही गयी है और हिंदुत्व ब्रिगेड अब नीचे जानेवाली ढलान की यात्रा शुरू रहा है.     

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मैं परिवर्त्तन हूँ। जीवन के हर पहलु चाहे वह समाज व्यवस्था हो, अर्थ व्यवस्था हो, शिक्षण हो या ज्ञान विज्ञानं, राजनीति हो, खाद्य सुरक्षा हो या फिर आजीविका सम्बन्धित प्रश्न हो या पर्यावरण या जल प्रबंधन मैं गतिशील रहना चाहता हूँ. लेकिन मुझे परिवर्त्तन वही पसंद है जो क्रांतिकारी और प्रगतिशील हो, आम आदमी के भले के लिए हो और उसके पक्ष में हो, जो कमजोर वर्ग की भलाई के लिए हो जैसे बच्चे, महिलाएं, किसान, मजदूर, आदिवासी इत्यादि। मैं उनलोगों का साथ देता हूँ जो आगे देखू है। पीछे देखू और बगल देखुओं से सख्त नफरत है मुझे। क्या अब आप मेरे साथ चलना चाहेंगे? तो आइये हम आप मिलकर एक तूफ़ान की शक्ल में आगे बढ़ें और गरीबी, अज्ञान के अंधकार और हर प्रकार के अन्याय एवं भ्रष्टाचार जैसे कोढ़ पर पुरजोर हमला करते हुए उसे जड़ से उखाड़ फेंके।